11 मई 2025 - 17:21
मरजईयत कभी हुकूमत की मोहताज नहीं रही : आयतुल्लाह मकारिम शिराज़ी 

मरजईयत और मराजे ए केराम द्वारा दी गई नसीहतें और चेतावनी निर्भरता या जरूरत के आधार पर नहीं हैं, बल्कि लोगों और देश के लिए मोहब्बत करूणा और हमदर्दी के कारण हैं।

मरज- ए- तक़लीद हज़रत आयतुल्लाह नासिर मकारिम शिराज़ी ने आध्यात्मिक मामलों के लिए राष्ट्रपति के सलाहकार से मुलाकात करते हुए इमाम रज़ा (अ.स.) के जन्मदिन पर बधाई दी और कहा कि "मुझे उम्मीद है कि हर कोई इस दयालु इमाम (अ.स.) की बरकतों से लाभान्वित हो सकता है।"

आध्यात्मिक मामलों मे राष्ट्रपति के सलाहकार के संवेदनशील पद का उल्लेख करते हुए, उन्होंने इसे हौज़ए इल्मिया और सरकार के बीच संपर्क कड़ी माना, और इस बात पर जोर दिया कि सरकार को हौज़ए इल्मिया की स्थिति के बारे में सटीक जानकारी मुहैया कराना आवश्यक है।

आयतुल्लाह मकारिम शिराज़ी  ने हौज़ए इल्मिया को जनता और सरकार का समर्थक और मददगार बताते हुए कहा कि मरजईयत लोगों के साथ घनिष्ठ संबंध और उनकी समस्याओं को सुनने के कारण, कभी-कभी कुछ मुद्दों को बयान करने के लिए मजबूर हो जाती है।" यह काम सरकार को कमजोर करने के लिए नहीं बल्कि सरकार को फायदा पहुंचाने के लिए है।

आयतुल्लाह मकारिम शिराज़ी  ने हौज़ए इल्मिया की स्वतंत्रता पर जोर देते हुए कहा कि हौज़ए इल्मिया मरजईयत कभी भी सरकार पर निर्भर नहीं रहे हैं और वह सरकारी सहायता स्वीकार नहीं करते। मरजईयत और मराजे ए केराम द्वारा दी गई नसीहतें और चेतावनी निर्भरता या जरूरत के आधार पर नहीं हैं, बल्कि लोगों और देश के लिए मोहब्बत करूणा और हमदर्दी के कारण हैं।

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